नागौर ज़िले के एक गांव से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि गांव की एक महिला को लगभग 30 लोगों ने पहले ईंटों से पीटा, फिर उसके कपड़े फाड़ कर उसे निर्वस्त्र कर बर्बरता से पीटा। पीड़िता चार दिन से अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।
वहीं, पुलिस पर रिश्वत लेने और कार्रवाई नहीं करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
पहले ईंटों से हमला, फिर कपड़े फाड़कर पीटा
दरअसल, 24 जून को मामूली विवाद के बाद गांव के करीब 30 लोगों ने महिला को घेर लिया। पहले उसे ईंटों से बुरी तरह पीटा गया, फिर उसके कपड़े फाड़कर सरेआम लाठी-डंडों से मारा गया। जब तक महिला अधमरी नहीं हो गई, तब तक मारपीट जारी रही। घटना के बाद घायल महिला को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया।
FIR के लिए 15 हजार की रिश्वत का आरोप
आरोप है कि पुलिस ने पहले एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। कई घंटों की मशक्कत और ₹15,000 की कथित रिश्वत देने के बाद ही मामला दर्ज किया गया। इस पूरे घटनाक्रम में चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस द्वारा अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।

पुलिस का जवाब: “साधारण चोटें हैं”, रिश्वत के आरोप बेबुनियाद
पुलिस ने अपनी सफाई में कहा है कि घटना की जानकारी मिलते ही थाना सुरपालिया में मामला दर्ज किया गया और पीड़िता का मेडिकल करवाया गया। डॉक्टर की रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की गंभीर चोट नहीं पाई गई है, सभी चोटें साधारण बताई गई हैं। पुलिस का यह भी कहना है कि पीड़िता के बयान दर्ज होने के बाद विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
नागौर पुलिस ने यह भी कहा कि उन्होंने तत्काल प्रीवेंटिव एक्शन लेते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, और बाकी आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं। ₹15,000 रिश्वत लेने की बात को पुलिस ने पूरी तरह से “तथ्यहीन और निराधार” बताया है।
“पीड़ित पक्ष के लोग आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। पीड़िता के ससुर ने एक पत्र के माध्यम से एसपी को शिकायत सौंपी।”
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