भरतपुर के डीग जिले के रारह इलाके में एक दर्दनाक हादसे में 6 साल का मासूम बच्चा 11 केवी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। घायल बालक का इलाज डीग के जनाना अस्पताल में जारी है। यह कोई पहली बार नहीं है — इससे पहले इसी परिवार की महिला सदस्य, मां और दादी भी करंट की चपेट में आ चुकी हैं, लेकिन बिजली विभाग की उदासीनता आज तक बरकरार है।
झूलती लाइन बनी खतरा, छत पर चप्पल लेने गया था बच्चा-
नगला चौबे निवासी पिंटू ने बताया कि उनके घर के ठीक ऊपर से 11 केवी की हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। शुरुआत में ये लाइन ऊंचाई पर थी, लेकिन अब काफी नीचे लटक आई है, जिससे यह हमेशा खतरा बनी रहती है। मंगलवार को उनका 6 वर्षीय बेटा अभिषेक छत पर चप्पल लेने गया था। उसी दौरान वह बिजली के करंट की चपेट में आ गया और छटपटाकर बेहोश होकर गिर गया।पिंटू ने कहा, “जब मुझे पता चला कि अभिषेक ऊपर गया है, तो मैं भागकर छत पर पहुंचा। वहां देखा कि वह अचेत पड़ा हुआ है। हम उसे तुरंत अस्पताल लेकर दौड़े।”
परिवार की तीन पीढ़ियों पर बिजली का कहर-
पिंटू के मुताबिक यह पहली घटना नहीं है। करीब दो साल पहले उनकी पत्नी खिल्लो (26) करंट की चपेट में आ चुकी हैं और गंभीर रूप से घायल हुई थीं। इसके बाद 7 महीने पहले पिंटू की मां महारानी देवी (58) भी इसी कारण घायल हुईं थीं।
शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कोई सुनवाई-
परिवार के अनुसार बिजली के झूलते तारों को लेकर कई बार विभागीय अधिकारियों से लेकर कलेक्टर और एसडीएम तक को शिकायत दी गई है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिंटू ने कहा, “शायद विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।”उन्होंने यह भी बताया कि घर बनाने के समय लाइन ऊंची थी, लेकिन अब तारों की स्थिति बेहद खतरनाक हो चुकी है। बारिश के मौसम में खतरा और भी बढ़ जाता है।
स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग-
परिवार और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि हाईटेंशन लाइन को तुरंत ऊंचा किया जाए या स्थानांतरित किया जाए, ताकि भविष्य में कोई जानलेवा हादसा न हो। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह लापरवाही किसी की जान ले सकती है।
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