कोटा न्यूज़: शहर के विभिन्न इलाकों में सीवरेज लाइन बिछाने के नाम पर सड़कों को खोदकर अधूरा छोड़ दिया गया है। जबकि जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी पहले ही मानसून से पूर्व सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के आदेश दे चुके थे।
बारिश की दस्तक के साथ ही इन अधूरी सड़कों ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। कीचड़ से भरी सड़कों पर बाइक सवारों के फिसलने और लोगों के गड्ढों में गिरकर घायल होने की घटनाएं आम हो गई हैं। खासकर कंसुआ चौराहे से एसएसएफ पुलिस चौकी तक की सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे खोदे गए हैं, जिन्हें बिना सुरक्षा इंतजामों के ऐसे ही छोड़ दिया गया है।
स्थानीय निवासी महावीर प्रसाद और मनोज सेन ने बताया कि पांच महीने से सड़क खोदकर सीवरेज लाइन का काम जारी है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया है। गड्ढों के कारण वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। यहां तक कि हाल ही में एक ट्रैक्टर भी गड्ढे में फंस गया था।
औद्योगिक क्षेत्र और चंद्रशेखर अफॉर्डेबल योजना के तहत पहले से डाली गई सीवरेज लाइनों की हालत भी खराब है। शेखर अग्रवाल ने बताया कि उनकी बार-बार की शिकायतों के बावजूद मेंटेनेंस का कोई काम नहीं हुआ।
कार्रवाई (प्रशासन की स्थिति):
जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने अधिकारियों को मानसून से पहले सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराने के निर्देश दिए थे। उन्होंने स्पष्ट किया था कि सीवरेज, पानी, बिजली या अन्य भूमिगत कार्यों के कारण हुई रोड कटिंग के बाद मरम्मत कार्य अनिवार्य रूप से समय पर पूरा कराया जाए।
हालांकि, ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। ठेकेदार और संबंधित एजेंसियां लापरवाही बरत रही हैं। आमजन आए दिन हो रहे हादसों और परेशानियों से जूझ रहा है, लेकिन कोई ठोस समाधान अब तक सामने नहीं आया है।
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