राजस्थान न्यूज: जयपुर में नीट-यूजी परीक्षा में फर्जीवाड़े के सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में तीन डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक एमबीबीएस स्टूडेंट, एक फर्जी कैंडिडेट और एक दलाल डॉक्टर शामिल है।
इस गैंग ने पैसे लेकर नीट पास करवाने की साजिश रची थी, जिसमें एक युवक को डमी बनाकर परीक्षा दिलवाई गई और फर्जीवाड़े के जरिए एम्स जोधपुर में दाखिला भी करवा दिया गया।
दरअसल, मामला साल 2020 की नीट परीक्षा से जुड़ा है। पुलिस जांच में सामने आया कि सचिन गोरा नाम के छात्र ने खुद परीक्षा देने के बजाय अजीत गोरा नाम के युवक को डमी बनाकर परीक्षा दिलवाई।
आवेदन पत्र में भी सचिन के स्थान पर अजीत की तस्वीर लगाई गई थी। यह डमी कैंडिडेट परीक्षा में 667 अंक लेकर आया, जिससे सचिन को एम्स जोधपुर में एमबीबीएस में दाखिला मिल गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सचिन ने खुद कभी नीट परीक्षा दी ही नहीं।
60 लाख रुपए में तय हुआ था सौदा
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इस पूरे फर्जीवाड़े की साजिश डॉक्टर सुभाष सैनी ने रची थी, जो वर्तमान में झोटवाड़ा क्षेत्र के घाटवा में कॉमन हेल्थ ऑफिसर के पद पर कार्यरत है। सचिन ने नीट परीक्षा पास करवाने के लिए सुभाष सैनी से संपर्क किया था।
सौदा 60 लाख रुपये में तय हुआ, जिसमें फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार करवाकर अजीत को परीक्षा दिलवाई गई। पुलिस के अनुसार, डॉक्टर सुभाष इससे पहले भी एक अन्य छात्र को नीट पास करवाने के बदले 65 लाख रुपये की रकम ले चुका है
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