अलवर न्यूज: अलवर की सिलीसेढ़ झील के पास प्रस्तावित बोरवेल प्रोजेक्ट को लेकर किसानों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। करीब तीन हफ्तों से आंदोलन कर रहे किसानों ने आज अपना विरोध और तेज कर दिया। उनका आरोप है कि इस योजना से उनके खेतों का जलस्तर खत्म हो जाएगा और उनकी आजीविका पर संकट मंडराने लगेगा।
गुरुवार को सिलीसेढ़ और आसपास के गांवों से करीब 500 ट्रैक्टरों का काफिला अलवर शहर की ओर रवाना हुआ। किसानों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए शहर में घुसने की कोशिश की। इस दौरान अहिंसा सर्किल पर पुलिस और किसानों के बीच तनातनी की स्थिति बन गई।
पुलिस ने पूरे काफिले को वहीं रोक दिया। किसानों ने नारों और बैनरों के साथ विरोध दर्ज कराया और साफ कहा कि वे अपने हक के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े। प्रशासन ने हालात को देखते हुए शहर के प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड्स लगवाए और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने किसानों से बातचीत के प्रयास किए, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं। उनका कहना है कि जब तक बोरिंग योजना को रद्द नहीं किया जाता, वे पीछे नहीं हटेंगे।
पूरा मामला
अलवर नगर परिषद की ओर से शहर की जल आपूर्ति को सुधारने के लिए सिलीसेढ़ लेक क्षेत्र में 30 बोरवेल लगाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए बजट भी मंजूर हो चुका है। मगर ग्रामीण किसानों का कहना है कि झील क्षेत्र में बोरिंग करने से उनका भूमिगत जलस्तर बुरी तरह प्रभावित होगा और खेती करना असंभव हो जाएगा।
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