अजमेर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला स्वास्थ्यकर्मी ने कथित रूप से फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल कर ली। जब मामले की जांच हुई, तो इसके पीछे का पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।
प्रकरण उप स्वास्थ्य केंद्र हाशियावास में कार्यरत एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) आईरिस रोज से जुड़ा है। उसने वर्ष 1981-82 की 8वीं कक्षा की अंकतालिका के दस्तावेज जमा किए थे। दस्तावेजों की पुष्टि के दौरान यह तथ्य सामने आया कि जिस विद्यालय से मार्कशीट दिखाई गई।
फर्जी दस्तावेजों के जरिए की सरकारी नौकरी
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, ब्यावर खास, वहां आईरिस रोज नाम की कोई छात्रा कभी पंजीकृत ही नहीं थी। यही नहीं, 10वीं की मार्कशीट भी फर्जी पाई गई, जिनके आधार पर उसने एएनएम का प्रशिक्षण लिया और नौकरी प्राप्त की।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के निर्देश पर ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (बीसीएमओ), अजमेर ग्रामीण डॉ. जसवंत सिंह ने गेगल थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई।
यह मामला पूर्व बीसीएमओ डॉ. प्रदीप की ओर से की गई जांच के आधार पर सामने आया, जिसमें उन्होंने संपूर्ण जानकारी रिपोर्ट के रूप में उच्चाधिकारियों को सौंपी थी। उनके दिशा-निर्देश पर अब पुलिस मामले की जांच कर रही है और संबंधित दस्तावेजों की भी पड़ताल की जा रही है।
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