जयपुर. शेयर बाजार में सस्ते शेयरों को महंगे दामों पर बेचने और फर्जी कंपनियों के जरिए निवेशकों को चूना लगाने के एक बड़े घोटाले की परतें शुक्रवार को उजागर हुईं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जयपुर, टोंक और देवली समेत कई स्थानों पर डेबॉक इंडस्ट्रीज से जुड़ी फर्मों और व्यक्तियों के ठिकानों पर एक साथ छापे मारे।
कागजों पर बनी कंपनियों का मायाजाल
ईडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि डेबॉक कंपनी ने कई फर्जी कंपनियां और डमी डायरेक्टर खड़े किए। इन कंपनियों को शेयर मार्केट में लिस्ट करवाया गया। शेयरों की कीमत महज 8 रुपए से कुछ ही महीनों में 150 रुपए के पार पहुंचा दी गई। यह उछाल वास्तविक कारोबार के बिना महज बाजार को गुमराह कर के किया गया।
संदिग्ध लेनदेन, महंगी गाड़ियां और बनावटी बोर्ड
शेयर घोटाले की शिकायतों के बाद जब ईडी ने गहराई से पड़ताल शुरू की, तो कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। फर्जी डायरेक्टरों के दस्तावेज, बेहिसाब लेन-देन और कंपनी के नाम पर करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज हाथ लगे। वैशाली नगर, जयपुर स्थित लोहिया कॉलोनी में कंपनी के मालिक मुकेश मनवीर सिंह के आवास और कार्यालय पर तलाशी के दौरान एक दर्जन से अधिक महंगी गाड़ियां जब्त की गईं।
सुबह-सुबह दबिश, कई दस्तावेज कब्जे में
ईडी की टीमें सुबह-सुबह जयपुर, टोंक, देवली सहित अन्य स्थानों पर पहुंचीं और एक साथ रेड की कार्रवाई शुरू की। कार्रवाई के दौरान कंपनी से जुड़े कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस और वित्तीय रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं। जांच एजेंसी का दावा है कि यह घोटाला करोड़ों रुपये का हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार – आने वाले दिनों में डेबॉक से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ की जाएगी और कंपनी के बैंक खातों की भी गहन पड़ताल की जाएगी।