भरतपुर के नदबई में देवशयनी एकादशी के पावन पर्व पर नदबई के श्री खाटू श्याम मंदिरों में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। शहर के कुम्हेर रोड स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर और समीपवर्ती गांव खेड़ी देवी सिंह में स्थित मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
सुबह से ही मंदिरों के बाहर लंबी कतारें लग गईं, जहां भक्त बाबा श्याम के अलौकिक रूप के दर्शन को आतुर नजर आए। इस शुभ अवसर पर दोनों मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया।
रंग-बिरंगे फूलों, सुगंधित माला और रंगीन रोशनी से सजे दरबार में बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार किया गया, जिसने भक्तों का मन मोह लिया। जैसे ही मंदिर के पट खुले, “जय श्री श्याम”और “खाटू नरेश की जय” के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
मंदिर प्रबंधन द्वारा भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। जल सेवा, प्रसाद वितरण, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए अलग लाइन, छाया और बैठने की व्यवस्था की गई थी। स्थानीय स्वयंसेवकों और युवाओं ने सेवा कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
पूरे दिन मंदिरों में भजन-कीर्तन की दिव्य धारा बहती रही। महिला मंडलियों ने सुमधुर भजनों के माध्यम से बाबा श्याम की महिमा का गुणगान किया। श्रद्धालुओं ने भजनों पर झूमते हुए बाबा के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की।
कई भक्तों ने बाबा को फूल, मिठाई और प्रसाद अर्पित कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर स्थानीय लोग और दूर-दराज से आए श्रद्धालु भी दर्शन लाभ के लिए पहुंचे।
श्रद्धालुओं ने बताया कि बाबा के अलौकिक श्रृंगार और भक्ति के माहौल ने उनके मन को शांति और आनंद से भर दिया। देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत मानी जाती है। जिसमें भगवान विष्णु क्षीर सागर में योग निद्रा में चले जाते हैं।
इस चार माह के दौरान विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसी कारण इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व होता है।
बाबा श्याम के इस भक्तिभाव से ओतप्रोत उत्सव ने यह सिद्ध कर दिया कि भक्ति और श्रद्धा में जब भाव जुड़ जाएं, तो हर क्षण एक पर्व बन जाता है।
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