राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों को हटाने के लिए शुरू किए गए ‘गिव अप’ अभियान को राज्यभर में जबरदस्त सफलता मिली है। इस पहल से न केवल जरूरतमंदों को योजना का वास्तविक लाभ मिल पाया है बल्कि सरकारी संसाधनों पर भी बड़ा बोझ कम हुआ है।
अपात्रों ने छोड़ी योजना, जरूरतमंदों को मिला हक
राज्य सरकार ने 26 जनवरी 2025 से यह अभियान शुरू किया था जिसमें नागरिकों से अपील की गई कि जो लोग इस योजना के पात्र नहीं हैं वे स्वेच्छा से राशन का लाभ लेना बंद करें। इस अभियान को जनता से अप्रत्याशित समर्थन मिला और अब तक पूरे राज्य में 22.32 लाख लोगों ने खुद को योजना से बाहर कर लिया है।
सबसे ज्यादा योगदान जयपुर जिले का रहा, जहां 1,88,255 लोगों ने स्वेच्छा से नाम हटवाए। इसके अलावा डीडवाना-कुचामन जिले में भी 60,427 लोगों ने राशन कार्ड वापस किए।
जिले के रसद अधिकारी उपेन्द्र ढाका ने जानकारी दी कि ई-केवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से भी 54,066 अपात्र लोगों को सूची से हटाया गया है। इस व्यापक सुधार से सरकार पर 409.39 करोड़ रुपये का वित्तीय भार कम हुआ है। नागरिकों ने इसे सामाजिक न्याय और जिम्मेदारी की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम बताया है
जिससे जरूरतमंदों तक राहत पहुंच रही है और योजनाएं अधिक प्रभावी हो रही हैं।
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