राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के समर्थन में शनिवार सुबह से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर #भजनलाल_बचाओ_राजस्थान_बनाओ ट्रेंड कर रहा है। अब तक इस हैशटैग के साथ 8,530 से अधिक पोस्ट हो चुके हैं।
अब सवाल उठता है कि आज यह हैशटैग अचानक क्यों वायरल हुआ? सोशल मीडिया चर्चाओं और विश्लेषकों की मानें तो पिछले कुछ दिनों से नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर लगातार हमलावर बयान दिए जा रहे हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री समर्थकों द्वारा यह ट्रेंड चलाया जा रहा है।
गौरतलब है कि कल यानी शुक्रवार को ‘भजनलाल हटाओ, राजस्थान बचाओ’ हैशटैग भी ट्रेंड कर रहा था। उस दौरान कई यूज़र्स ने हनुमान बेनीवाल पर चुटकी लेते हुए लिखा कि यह ट्रेंड “बिजली चोरी के पैसों से” चलाया जा रहा है।
बता दें कि हनुमान बेनीवाल जयपुर में SI भर्ती को लेकर धरने पर बैठे हैं। इसी बीच उनका आरोप है कि उनके घर की बिजली सप्लाई जानबूझकर काटी गई, जो मुख्यमंत्री के इशारे पर किया गया, ताकि उन्हें दबाव में लाया जा सके। साथ ही अब हनुमान बेनीवाल के विधायक न होने पर उन्हें सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भी दिया गया है।
बेनीवाल ने अपने हालिया बयानों में यहां तक कह दिया कि – “अब भजनलाल शर्मा की विदाई तय है। दिल्ली कूच रैली के साथ जब लाखों युवा दिल्ली की ओर बढ़ेंगे, तो SI भर्ती रद्द होगी और RPSC का पुनर्गठन भी होगा।”
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि “भजनलाल को कोई जानता तक नहीं था, पार्टी कार्यालय में अंडरगार्मेंट धोते-धोते यहां तक पहुंचा है।” ऐसे कई बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं।
इसी के जवाब में आज –
#भजनलाल_बचाओ_राजस्थान_बनाओ ट्रेंड हो रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री के समर्थक सरकार की उपलब्धियों को गिना रहे हैं। यूज़र्स का कहना है कि भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार ने ERCP परियोजना, यमुना जल समझौता, ऊर्जा क्षेत्र में 2.24 लाख करोड़ रुपये के MOU और ‘राइजिंग राजस्थान’ जैसे अभियानों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
इस ट्रेंड में मुख्यमंत्री के समर्थन में भाजपा कार्यकर्ताओं और विधायकों के साथ दोनों डिप्टी सीएम – दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा भी सुबह शामिल हुए और ट्वीट कर समर्थन जताया।
हालांकि, इस अभियान में कुछ प्रमुख नेताओं की अनुपस्थिति भी चर्चा में रही। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सांसद राज्यवर्धन राठौड़, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, मंत्री मदन दिलावर, विधायक मंजू बाघमार और संजय शर्मा जैसे वरिष्ठ नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स से इस ट्रेंड को लेकर कोई ट्वीट या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई।
हालांकि कुछ यूज़र्स का यह भी कहना है कि यह ट्रेंड किसी आईटी सेल द्वारा कराया गया है और यह सरकार की छवि सुधारने का एक प्रायोजित प्रयास हो सकता है।
हनुमान बेनीवाल के नागौर स्थित घर की बिजली कटी, 11 लाख से अधिक का बकाया