हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के गोहर उपमंडल की एसडीएम स्मृतिका अमर नेगी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
इस वीडियो में वह एक नन्हीं बच्ची को गोद में लिए हुए नज़र आ रही हैं — बच्ची मुस्कुराती है, एसडीएम के गालों को पकड़ती है, कभी उनके झुमकों से खेलने लगती है। यह दृश्य जितना मासूमियत भरा है, उसके पीछे की कहानी उतनी ही हृदयविदारक भी है।
एक रात, जो 60 से ज़्यादा जानें ले गई…
दिनांक 5 जुलाई 2025, रात का समय। मंडी जिले में बादल फटने से आई भयंकर बाढ़ ने तबाही मचा दी। पहाड़ी क्षेत्र में अचानक आई इस आपदा ने लोगों को संभलने का मौका ही नहीं दिया। प्रशासन को भी रात के अंधेरे में राहत कार्य शुरू करने में कठिनाई हुई। इस बाढ़ में 60 से अधिक लोगों की जान चली गई और 40 से ज़्यादा लोग लापता हो गए।
इसी खौफनाक रात की कहानी है — 11 माह की निकिता के परिवार की।
मंडी की परवाड़ा पंचायत के तलवाड़ा गांव में स्थित निकिता का घर, जहां उस रात उसके साथ थे उसके माता-पिता और दादी। दिनभर बारिश होती रही, लेकिन जैसे-जैसे रात बढ़ी, हालात बिगड़ने लगे। निकिता की दादी भगवान से प्रार्थना कर रही थीं कि यह रात सलामत गुजर जाए।
निकिता अपनी मां की गोद में सिमटी थी, मां उसे सुलाने की कोशिश कर रही थी। बाहर बिजली कड़क रही थी, और बादलों की आवाज़ के साथ-साथ पानी का बहाव भी खतरनाक होता जा रहा था।
हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में ड्रेनेज सिस्टम बनाए जाते हैं, ताकि ऐसे हालात में नालों से पानी को घरों से दूर डायवर्ट किया जा सके।
निकिता के घर के पास भी ऐसे नाले थे। जब एक नाले में पानी का बहाव बढ़ा, तो दूसरे को खोलना ज़रूरी हो गया। अगर ऐसा न किया जाता, तो पानी सीधे घर में घुस जाता और पूरा मकान बह जाता।
निकिता के माता-पिता और दादी ने बच्ची की सुरक्षा के लिए बाहर निकलकर दूसरा नाला खोलने का फैसला किया — यह एक बेहद साहसी लेकिन आवश्यक कदम था। लेकिन, तेज़ बहाव में तीनों ही बह गए… और निकिता अकेली घर में रह गई।
रातभर वह मासूम बच्ची उस वीरान घर में अकेली रही। आप सोच सकते हैं, वह बच्ची जिस मां की गोद में सिर रखकर खुद को सुरक्षित महसूस कर रही थी, वह मां एक पल में उससे दूर हो गई — और अब कभी उसके पास नहीं लौटेगी।
न ही अब उस पिता का साया रहा, जो हर पल अपनी लाड़ली की देखभाल में जुटा रहता था, उसे गोद में उठाकर खिलाता था, हर आहट पर चौकन्ना हो जाता था… लेकिन उस रात चमत्कार यह रहा कि उस नन्हीं जान को एक खरोंच तक नहीं आई।
अगली सुबह, जब एसडीएम स्मृतिका नेगी गांव के हालात का जायज़ा लेने पहुंचीं, तो उन्होंने निकिता को अपनी गोद में लिया। बच्ची खेल रही थी, मुस्कुरा रही थी, जबकि वह नहीं जानती थी कि वह किसे खो चुकी है।
इस दृश्य ने सबको भावुक कर दिया। जिसने भी निकिता की कहानी सुनी, वह अवाक रह गया।
एसडीएम स्मृतिका नेगी का कहना है कि बच्ची का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर से लोगों के कॉल आने लगे, वे निकिता को गोद लेना चाहते हैं। फिलहाल, बच्ची अपनी मौसी के पास सुरक्षित है।
– प्रदीप जांगिड़
(रिपोर्टर)