राजस्थान की राजधानी से हैरान करने वाली एक घटना सामने आई है, जिसमें जयपुर सेंट्रल जेल के चार बंदियों ने जेल प्रशासन, पुलिस और डॉक्टरों की मिलीभगत से अस्पताल के नाम पर छुट्टी ली और होटलों में गर्लफ्रेंड्स के साथ रंगरेलियां मनाई।
इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने 5 पुलिसकर्मियों सहित कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरे घटनाक्रम ने जेल व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है।
कैसे रचा गया ‘अस्पताल से होटल’ का खेल?
पुलिस जांच के मुताबिक, फरारी की यह योजना पहले से बनाई गई थी। जयपुर सेंट्रल जेल में बंद चार अपराधी – रफीक उर्फ बकरी (हत्या आरोपी), भंवरलाल (रेप आरोपी), अंकित बंसल (GST चोरी) और करण गुप्ता (जमीन धोखाधड़ी) – ने बीमारी का बहाना बनाकर जेल प्रशासन को पहले से ही सेट कर रखा था। एक महीने पहले डॉक्टर से एलर्जी का हवाला देकर अस्पताल रेफर की ‘पर्ची’ भी कटवा ली गई थी।
24 मई को तय प्लान के अनुसार, जेल डॉक्टर कैलाश ने चारों को एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया। जेल अधीक्षक को इसकी सूचना दी गई। पुलिस लाइन से आए चालानी गार्ड कैदियों को अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल पहुंचने के बाद कैदी जोगेंद्र को किसी कारण वापस जेल भेज दिया गया, जबकि बाकी चार कैदी दो सिपाहियों की मिलीभगत से फरार हो गए।
रफीक और भंवर सिंधी कैंप इलाके के होटल में, जबकि अंकित और करण एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के होटल बेलाकासा पहुंचे, जहां पहले से ही उनकी गर्लफ्रेंड्स मौजूद थीं। इन होटलों में बाकायदा VIP ट्रीटमेंट मिला। अंकित बंसल के भाई को होटल से 45 हजार रुपए और दो कैदियों के आईडी कार्ड के साथ गिरफ्तार किया गया।
देर रात तक 13 गिरफ्तार…
मुखबिर की सूचना पर DCP ईस्ट तेजस्विनी गौतम ने तुरंत एक्शन लिया। जालुपुरा और एयरपोर्ट थाना पुलिस ने दबिश देकर सभी चारों फरार बंदियों को डिटेन कर लिया।
थानाधिकारी बन्नालाल के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने देर रात तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें शामिल हैं –
- 4 बंदी: रफीक, भंवर, अंकित और करण
- 5 पुलिसकर्मी: सुरेश कुमार, मनोज कुमार, दिनेश कुमार, अमित कुमार और विकास कुमार
- 4 परिजन-सहयोगी: रफीक की पत्नी हिना, उसका रिश्तेदार रमजान, अंकित का भाई आकाश और दोस्त राहुल
जेल प्रशासन और डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल
इस मामले में जेल प्रशासन, पुलिस गार्ड और डॉक्टरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। बिना डॉक्टर की सिफारिश और जेल अधीक्षक की सहमति के किसी भी कैदी को अस्पताल रेफर नहीं किया जा सकता।
पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। जालुपुरा और एयरपोर्ट थानों में एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
सूत्रों का कहना है कि कैदियों ने जेल में लगी एसटीडी से अपने परिचितों से बात कर पहले ही सारी योजना बना ली थी।
राजस्थान न्यूज: वायरल वीडियो में युवक को पीटने वाले हिस्ट्रीशीटर की पुलिस ने कराई परेड
राजस्थान न्यूज: बजरी माफिया ने कांस्टेबल को ट्रैक्टर से कुचला
राजस्थान न्यूज: सड़क पर युवती से मारपीट का वीडियो वायरल, पुलिस जांच में जुटी
[…] […]