नागौर के मेड़ता उपखंड क्षेत्र में किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि मेड़ता-रास और मेड़ता-पुष्कर रेलवे परियोजना के लिए उनकी जमीनों का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है।
इस संबंध में किसानों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर प्रशासन को अपनी नाराजगी से अवगत कराया। किसानों का आरोप है कि सरकार डीएलसी (District Level Committee) दरों के आधार पर बेहद कम मुआवजा दे रही है।
ज्ञापन में बताया गया कि उन्हें महज 20 हजार से 50 हजार रुपये प्रति बीघा की दर से मुआवजा देने की बात कही जा रही है। जबकि उस क्षेत्र में जमीन का वास्तविक बाजार मूल्य करीब 25 लाख रुपये प्रति बीघा है।
किसानों ने सरकार पर प्राइवेट कंपनियों के दबाव में आकर मनमाना अधिग्रहण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मेड़ता-रास मार्ग के लिए वे किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे।
किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को जबरन आगे बढ़ाया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। किसानों ने ऐलान किया है कि मंगलवार से मेड़ता उपखंड कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
उन्होंने मांग की है कि सरकार बाजार भाव के अनुसार उचित मुआवजा तय करे और किसानों की सहमति के बिना भूमि अधिग्रहण न किया जाए। यह विरोध प्रदर्शन क्षेत्र में एक बड़े आंदोलन की आहट दे रहा है, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो सकती है।
नागौर न्यूज: डेयरी संचालक की पिकअप ट्रक से टकराई, युवक गंभीर घायल
नागौर न्यूज: करणी सेना- बेनीवाल को घर में घुसकर जवाब देंगे, MLA रविंद्र बोले- ओछी बात कर दी