मामले को लेकर अभी के अपडेट:
- हादसे में अब तक 8 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 27 घायल बच्चों का इलाज जारी है। इनमें से 8 की हालत गंभीर बनी हुई है।
- राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, पिपलोदी (मनोहरथाना, झालावाड़) में शुक्रवार सुबह कक्षा के दौरान अचानक छत गिर गई थी। हादसे के वक्त बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।
- मनोहरथाना हॉस्पिटल के अनुसार, 5 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 3 ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा।
- शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 5 शिक्षकों को निलंबित कर दिया है, जिनमें हेडमास्टर मीना गर्ग, और शिक्षक जावेद अहमद, रामविलास लववंशी, कन्हैयालाल सुमन व बद्रीलाल लोधा शामिल हैं।
- राज्य मानवाधिकार आयोग ने घटना का संज्ञान लिया है और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, झालावाड़ कलेक्टर, एसपी और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किए हैं।
- आयोग ने सात दिन में ‘एक्शन टेकन रिपोर्ट’ मांगी है, साथ ही पीड़ितों को सहायता और परिजनों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
- घटना के विरोध में ग्रामीणों ने पिपलोदी गांव में प्रदर्शन किया और मनोहरथाना-अकलेरा रोड को बुराड़ी चौराहे पर जाम कर दिया। ग्रामीणों की मांग है कि मुख्यमंत्री मौके पर आएं और उचित मुआवजा घोषित करें।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने झालावाड़ जिले में हुए दर्दनाक हादसे पर बयान जारी किया है।
बेनीवाल ने कहा…
झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र में एक सरकारी विद्यालय की इमारत ढहने से हुई जनहानि सिर्फ एक हादसा नहीं है, बल्कि उस सरकारी व्यवस्था का ढहना है जो ‘भविष्य का निर्माण’ करने वाले भवनों को खुद जर्जर हालात में छोड़ चुकी है। जब ‘नई शिक्षा नीति’ के महिमामंडन के पीछे सरकार ताली बटोरने में लगी हो, और ज़मीनी हकीकत ऐसी है कि स्कूलों की दीवारें और छत बच्चों पर गिर रही है, तो यह लाल फीताशाही और सरकारी लापरवाही का घातक परिणाम है। भवन जब नजरअंदाजी और भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े किए जाते हैं तो ऐसे मामले हो जाते है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री आज झालावाड़ जिले में जो हुआ वो न केवल वर्तमान व्यवस्था बल्कि पूर्ववती सरकारों की व्यवस्था पर भी सवालिया निशान है क्योंकि BJP से दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे भी झालावाड़ जिले से आती है वहीं प्रदेश के हाड़ौती आंचल की राजनीति के प्रत्येक मामले में दखल देने वाले लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिरला को कभी कभार समय निकालकर सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर की तरफ भी ध्यान दे देना चाहिए ताकि ऐसे हादसे नहीं हो।
सांसद ने कहा कि मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मांग करता हूं कि इस मामले में झालावाड़ के जिला कलक्टर को APO करवाते हुए शिक्षा विभाग, समग्र शिक्षा अभियान के जिम्मेदारों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश राजस्थान सरकार को दे।
साथ ही देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भी मेरी मांग है कि..
एक उच्च स्तरीय केंद्रीय दल को भी झालावाड़ भेजकर वस्तुस्थिति तलब करें। राजस्थान सरकार प्रदेश के प्रत्येक जिले में सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों की सूची बनाकर तत्काल विशेष बजट आवंटित करके उनका निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू करवाएं तथा घायल बच्चों को एयरलिफ्ट करके उनका उच्च स्तरीय इलाज करवाए एवं मृतक बच्चों के परिजनों को एक – एक करोड़ रुपए तथा घायलों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी करें।
हाड़ौती आंचल से आने वाले और बड़ी-बड़ी डींगे हांकने वाले राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को अपने पद से अविलंब त्याग पत्र देकर नैतिकता के नाते मामले में जिम्मेदारी लेनी चाहिए। लोक सभा के अध्यक्ष को भी तत्काल घटनास्थल का दौरा करना चाहिए।
पूर्व में बीकानेर जिले के नोखा क्षेत्र में एक सरकारी विद्यालय में तीन मासूम बालिकाओं की मौत के बाद जिन वादों के साथ सरकार ने आंदोलन समाप्त करवाया उन वादों पर सरकार खरा नहीं उतर पाई।
अभी तीन दिन पहले प्रदेश में मुख्यमंत्री ने भी उस मामले को लेकर पत्र भी भेजा मगर जिम्मेदारों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया जिससे यह स्पष्ट हो गया कि राजस्थान के सीएम को उनके अधीनस्थ अधिकारी और जिलों में बैठे प्रशासनिक अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते।
ब्रेकिंग न्यूज़: झालावाड़ ज़िले में स्कूल की छत ढही, 5 बच्चों की दर्दनाक मौत