राजस्थान न्यूज: रणथंभौर किले में एक बार फिर इंसान और वन्यजीव टकराव की घटना सामने आई है। सोमवार सुबह एक चौकीदार पर बाघ ने हमला कर उसकी जान ले ली। यह घटना ना केवल वन विभाग की लापरवाही को उजागर करती है बल्कि क्षेत्र में लगातार बढ़ते बाघ मानव संघर्ष की ओर भी इशारा करती है।
रणथंभौर किले में स्थित जैन मंदिर में पिछले 20 वर्षों से चौकीदारी कर रहे राधेश्याम सैनी (उम्र 60, निवासी शेरपुर) सोमवार तड़के करीब 4:00 बजे शौच के लिए निकले थे। तभी एक बाघ ने उन पर अचानक हमला कर दिया। राधेश्याम की गर्दन पर गहरे दांतों के निशान और जांघ का हिस्सा गायब मिला, जिससे पुष्टि हुई कि हमला टाइगर ने ही किया था।
उस समय मंदिर में तीन चौकीदार मौजूद थे। जैसे ही अन्य दो साथियों ने राधेश्याम की चीखें सुनीं, वे तुरंत बाहर निकले। थोड़ी दूरी पर खून के निशान देख वे घबरा गए और तुरंत वन विभाग को सूचित किया गया। लगभग तीन घंटे की तलाश के बाद टीम ने राधेश्याम का शव बरामद किया।
सीसीएफ अनूप के आर ने जानकारी दी कि रविवार को ही किले के आसपास बाघ की हलचल देखी गई थी, जिस कारण त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन पर रोक भी लगाई गई थी। इसके बावजूद मंदिर के चौकीदार वहीं रुके हुए थे।
घटना की खबर फैलते ही आक्रोशित ग्रामीणों ने सवाई माधोपुर–कुंडेरा मार्ग को जाम कर दिया। उनका आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के चलते यह तीसरी मौत हुई है। इसके विरोध में ग्रामीणों ने गणेश धाम तिराहे पर टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
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