राजस्थान सरकार प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। प्रदेश में मापदंडों पर खरे नहीं उतरने वाले उपखंड, तहसील और उपतहसीलों की संख्या में बड़ी कटौती की तैयारी है।
वर्तमान में प्रदेश में 323 उपखंड, 426 तहसील और 232 उप तहसील हैं, लेकिन जल्द ही करीब 100 उपखंडों को समाप्त किया जा सकता है।
इसके लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व आईएएस ललित के. पंवार कर रहे हैं। समिति का अस्थायी कार्यालय इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में स्थापित किया गया है। समिति ने अब तक 20 से ज्यादा जिलों से फीडबैक जुटा लिया है और आगामी छह माह में रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट को सौंपेगी।
प्रस्तावित योजना के तहत – एक उपखंड के अधीन दो या तीन तहसीलें रखी जाएंगी, जिससे एक ही मुख्यालय पर तहसील और उपखंड कार्यालय की पुनरावृत्ति समाप्त हो सके। इससे उपखंडों के साथ-साथ तहसील, उप तहसील, भू-अभिलेख निरीक्षक कार्यालयों और पटवार सर्कलों की संख्या में भी परिवर्तन संभव है।
राज्य में वर्तमान में 2730 भू-अभिलेख निरीक्षक सर्कल, 10,971 पटवार सर्कल और 48,468 राजस्व गांव हैं। समिति का मानना है कि डिजिटल सेवाओं के दौर में दो छोटी पंचायतों पर एक पटवार सर्कल भी पर्याप्त हो सकता है।
अंतिम निर्णय कैबिनेट की स्वीकृति के बाद लिया जाएगा।
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