अजमेर में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर का 38वां स्थापना दिवस विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
ज्ञान, संस्कृति और चेतना का उत्सव
अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने स्थापना दिवस को केवल उत्सव नहीं, बल्कि “ज्ञान, संस्कृति और चेतना के स्मरण दिवस” के रूप में मनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति हमारे अस्तित्व की आधारशिला है, और हमें इसी मूल से शिक्षा एवं मूल्यों को ग्रहण करना चाहिए।
देवनानी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने की आवश्यकता बताई और विद्यार्थियों को केवल डिग्री धारक नहीं, बल्कि “दिशा धारक” बनने का आह्वान किया। उन्होंने युवाओं से नौकरी मांगने की बजाय नौकरी देने वाले बनने का संकल्प लेने को कहा।
पूर्व छात्र मंत्री रावत का संबोधन- जल्द पूरी होगी शिक्षकों की कमी-
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, जो स्वयं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं, ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय के समग्र विकास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि शिक्षकों की कमी को शीघ्र पूरा किया जाएगा और विश्वविद्यालय परिसर में हो रहे अतिक्रमण को हटाने हेतु प्रशासन को निर्देश दिए जाएंगे।
रावत ने यह भी सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को अपने पूर्व छात्रों से नियमित संवाद बनाए रखना चाहिए, जिससे शिक्षण, नवाचार और रोजगार के क्षेत्र में नए अवसर सृजित हो सकें।
पौधारोपण के साथ कार्यक्रम का समापन-
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों एवं विश्वविद्यालय परिवार द्वारा पौधारोपण कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश दिया गया। कुलपति प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल, विश्वविद्यालय के अन्य प्रोफेसर, विद्यार्थी एवं बड़ी संख्या में पूर्व छात्र इस आयोजन में शामिल हुए।
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