अलवर के थानागाजी खंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनोखी पहल शुरू की गई है। रोहा ग्रुप और टिब्रेवाला परमार्थ कोष के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में 5,150 उच्च गुणवत्ता वाले नींबू के पौधे निःशुल्क वितरित किए गए हैं।
हर घर तक पहुंचे नींबू, बाजार पर न रहे निर्भरता-
संघ का उद्देश्य है कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार के घर में दो नींबू के पौधे हों, ताकि उन्हें गर्मी में नींबू खरीदने की जरूरत न पड़े। नींबू का उपयोग शिकंजी, चाय, अचार, और औषधीय कार्यों में होता है, लेकिन गर्मी में इसकी कीमतें बढ़ने से लोग वंचित रह जाते हैं। अब हर घर में यह जरूरत घर से ही पूरी हो सकेगी।
पौधे के साथ जागरूकता भी, जियो टैगिंग और सुरक्षा उपाय शामिल-
इस अभियान में केवल पौधे वितरण ही नहीं, बल्कि लगाने की विधि, जैविक खाद के प्रयोग, पौधों की सुरक्षा हेतु जाल लगाने की सलाह भी दी गई है। साथ ही, पौधों की जियो टैगिंग भी की जा रही है ताकि उनकी निगरानी और स्थिति का पता चलता रहे।
पंच परिवर्तन के माध्यम से समाज परिवर्तन की पहल-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन के सिद्धांत को आगे बढ़ा रहा है। इसके तहत समाज में पर्यावरण, स्वास्थ्य, आर्थिक आत्मनिर्भरता, और सामाजिक एकजुटता जैसे विषयों पर विशेष बल दिया जा रहा है।
अनेक गांवों और धार्मिक स्थलों तक पहुंचा अभियान-
अब तक कोड्याली बावड़ी, गोरक्ष टीला, मौजनाथ बाबा गौशाला सहित थानागाजी, जोधावास, भांगडोली, नाथूसर, आमाला, हरनेर, बामनवास जैसे अनेक गांवों में यह अभियान सफलतापूर्वक चलाया गया है। स्थानीय लोगों ने इस प्रयास का स्वागत करते हुए इसे स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता और पर्यावरण प्रेम का प्रतीक बताया।
संघ का उद्देश्य — समाज को जोड़ना, पर्यावरण को बचाना-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह प्रयास केवल पौधारोपण नहीं बल्कि समाज को एकजुट कर पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का प्रयास है। संघ चाहता है कि समाज स्वयं आगे आए और पौधे लगाकर जिम्मेदारी निभाए।
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