जैसलमेर में भारी बारिश के दौरान 24 पुराने और जर्जर मकानों के ढहने का खतरा मंडरा रहा है। नगरपरिषद की ओर से इन मकानों की पहचान कर मालिकों को चेतावनी जारी कर दी गई है। इनसे कहा गया है कि वे तीन दिन के भीतर स्वयं अपने मकानों को सुरक्षित तरीके से हटवा लें, अन्यथा परिषद द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
12 मकान सोनार दुर्ग में चिन्हित, 9 की हालत बेहद खस्ता-
नगरपरिषद के आयुक्त लजपाल सिंह सोढा ने बताया कि इन 24 मकानों में से 12 सोनार किले में स्थित हैं। इनमें से 9 मकान ऐसे हैं जो बेहद खतरनाक स्थिति में हैं और किसी भी समय गिर सकते हैं। परिषद ने दशहरा चौक के पास स्थित एक जर्जर पानी की टंकी को पहले ही हटवा लिया है।
टीम ने किया निरीक्षण, मकानों पर चस्पा किए नोटिस-
परिषद की टीम में आयुक्त लजपाल सिंह सोढा, राजस्व अधिकारी पवन कुमार और जेईएन राजकुमार महतो शामिल थे। निरीक्षण के दौरान चिन्हित मकानों पर नोटिस चस्पा किए गए। जिनमें तीन दिन का समय दिया गया है। समय सीमा में कार्रवाई नहीं होने पर मकान परिषद द्वारा तोड़े जाएंगे और इसका खर्च संबंधित मकान मालिक से वसूला जाएगा।
हादसों से सबक, अब प्रशासन अलर्ट-
हाल ही में झालावाड़ में हुए जर्जर भवन हादसे के बाद राज्य सरकार ने सभी निकायों को अपने क्षेत्र के खतरनाक मकानों की सूची बनाकर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। उसी के तहत जैसलमेर नगरपरिषद ने कार्रवाई तेज की है। सोमवार से नगरपरिषद जर्जर मकानों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर रही है।
पहले भी हो चुके हैं हादसे, अब स्थायी समाधान की दरकार-
जैसलमेर में हर बरसात के मौसम में पुराने मकानों की छत या दीवार गिरने की घटनाएं सामने आती रही हैं। खासकर सोनार दुर्ग क्षेत्र में कई बार हादसे हो चुके हैं। प्रशासन हर बार बारिश के दौरान सक्रिय होता है, लेकिन समय बीतते ही यह गंभीर समस्या भुला दी जाती है। अब उम्मीद की जा रही है कि नगरपरिषद की यह कार्रवाई स्थायी समाधान की ओर पहला कदम होगी।
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