जोधपुर न्यूज: 127 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियां उनकी जन्मभूमि भारत में फिर से पहुंच गई हैं। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली एयरपोर्ट पर इन अवशेषों को ससम्मान स्वीकार किया और जोधपुर में जनसुनवाई के दौरान इस ऐतिहासिक वापसी की जानकारी दी।
127 साल बाद बुद्ध की अस्थियां भारत लौटीं
1898 में उत्तर प्रदेश के पिपरहवा (कपिलवस्तु क्षेत्र) में खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की अस्थियां एक पत्थर के संदूक में खोजी गई थीं। यह संदूक जमीन में सुरक्षित रूप से दबा हुआ था और इसमें क्रिस्टल के पात्र में बुद्ध के अवशेष रखे गए थे।
इन अवशेषों को अंग्रेज शासन के दौरान भारत से बाहर ले जाया गया था। कहा जाता है कि ये अस्थियां श्याम देश (अब थाईलैंड) के राजा को दी गई थीं और एक हिस्सा खुदाई करने वाले ब्रिटिश अधिकारी विलियम प्रेपे को सौंपा गया था।
पीएम मोदी के निर्देश पर हुई ऐतिहासिक वापसी
इस साल अप्रैल में भारत सरकार को जानकारी मिली कि अमेरिका में रहने वाला एक परिवार, जिनके पास यह अस्थियां थीं उन्हें विश्वप्रसिद्ध ऑक्शन हाउस ‘सोथबीज’ के माध्यम से बेचने की तैयारी कर रहा है। जैसे ही मामला सामने आया, भारत सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप किया और नीलामी को रोकने के लिए आधिकारिक प्रक्रिया शुरू की।
अंतरराष्ट्रीय नीलामी से पहले सरकार ने रोकी बिक्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर संस्कृति मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत इस धरोहर को वापिस चाहता है। अंततः भारत की ऐतिहासिक संपत्ति को सफलतापूर्वक स्वदेश लाया गया।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने मालेगांव बम विस्फोट मामले में कोर्ट के हालिया फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि राजनीतिक लाभ के लिए झूठे मुकदमे बनाए गए थे। उन्होंने विपक्ष पर झूठे नैरेटिव फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, “सत्य को छिपाया जा सकता है लेकिन मिटाया नहीं जा सकता। अंततः सत्य की ही विजय होती है।
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