राजस्थान में उपनिरीक्षक (SI) भर्ती प्रक्रिया को लेकर उठे विवाद पर राजस्थान हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है। न्यायाधीश समीर जैन की अदालत में इस मामले की नियमित सुनवाई चल रही है। राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया जाएगा, जिसके बाद सुनवाई को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
भर्ती प्रक्रिया पर सवाल, याचिकाकर्ताओं ने उठाए गंभीर आरोप
SI भर्ती परीक्षा में धांधली और पेपर लीक को लेकर कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र बेचे गए और 50 से ज्यादा अभ्यर्थी ऐसे हैं जो पेपर खरीदकर चयनित हुए।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह सिर्फ एक हिस्सा है कई और चयनित प्रशिक्षु भी इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं। इस आधार पर भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की गई है। पिछले शुक्रवार को याचिकाकर्ताओं के एक समूह की तरफ से बहस पूरी हो चुकी है।
हाईकोर्ट में सुनवाई अंतिम चरण में, जल्द आ सकता है फैसला
वरिष्ठ वकील आर.पी. सिंह और अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने कोर्ट में दलील दी थी कि याचिकाएं पूरी तरह वैध हैं और सरकार के बजाय कोर्ट से भर्ती निरस्त करने की मांग की गई है। कोर्ट ने 7 जुलाई से इस मामले की अंतिम सुनवाई शुरू की थी और लगातार इस पर सुनवाई जारी है।
इस भर्ती घोटाले की जांच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) कर रही है। अब तक 53 ट्रेनी उपनिरीक्षकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच एजेंसी का दावा है कि कई और नाम संदिग्धों की सूची में शामिल हैं और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
अब सबकी नजरें आज की सुनवाई पर टिकी हैं क्योंकि माना जा रहा है कि इस सप्ताह कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुना सकता है। अगर भर्ती रद्द होती है तो यह राज्य में पुलिस भर्ती इतिहास की एक बड़ी कार्रवाई मानी जाएगी।
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