सीकर न्यूज: सीमित संसाधनों और पारिवारिक चुनौतियों के बीच राजस्थान की बेटी ज्योति नटवाड़िया ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन किया है। नीमकाथाना क्षेत्र की ढाणी गुमानसिंह निवासी ज्योति ने हांगकांग में आयोजित 5वीं अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए 53 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर राजस्थान की छोरी का परचम
3 अगस्त से 6 अगस्त तक आयोजित हुई इस प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में ज्योति ने हांगकांग की पहलवान को एकतरफा मुकाबले में 10-0 के स्कोर से हराया। उल्लेखनीय है कि मैच के दौरान ज्योति के घुटने में चोट थी इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और आत्मबल के दम पर देश के लिए स्वर्ण जीत लाकर मिसाल कायम की।
फाइनल में शानदार जीत, विरोधी को दी करारी शिकस्त
ज्योति के परिवार की स्थिति भी इन दिनों चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। उनके पिता सुरेश पहलवान बीते दो महीनों से एक सड़क हादसे में हाथ फ्रैक्चर होने के कारण बिस्तर पर हैं। आर्थिक रूप से जूझते इस परिवार के लिए यह जीत सिर्फ एक मेडल नहीं, बल्कि आशा की नई किरण बनकर आई है।
ज्योति के भाइयों राकेश और सुनील नटवाड़िया ने बताया कि जब घर में संघर्ष चल रहा हो और बेटी अंतरराष्ट्रीय मंच से स्वर्ण पदक के साथ लौटे, तो यह पूरे परिवार की ताकत और जज़्बे की जीत होती है। ज्योति की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद ढाणी गुमानसिंह में खुशी की लहर है।
ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। सोशल मीडिया पर उन्हें देशभर से बधाइयों का सिलसिला जारी है। उनकी यह जीत न सिर्फ खेल जगत के लिए प्रेरणा है बल्कि यह संदेश भी देती है कि कठिनाइयों के बीच भी आत्मविश्वास और समर्पण से हर लक्ष्य को पाया जा सकता है।
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