सीकर जिले में पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। 14 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के डाक बंगले में धरना 25वें दिन भी जारी रहा। ठेकेदारों का कहना है कि बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है
धरने को लेकर ठेकेदारों का विरोध जारी
जिससे निर्माण कार्य ठप हैं और जिले के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। संघर्ष समिति के प्रतिनिधि रामावतार जाखड़ ने बताया कि 11 जून 2025 से पूरे राजस्थान में पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। वहीं सीकर में धरना 25 दिन से जारी है।
इस दौरान जिले में करीब 650 करोड़ रुपये की निविदाएं रुकी हुई हैं। इसमें 450 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं, 180 करोड़ रुपये के भवन निर्माण कार्य और 70 करोड़ रुपये की नवलगढ़ पुलिया फोरलेन योजना भी शामिल है। आंदोलन के चलते जिले में विकास की रफ्तार थम गई है
मुख्यमंत्री के आश्वासन पर उठे सवाल
लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है। धरने के 25वें दिन ठेकेदारों ने जिला कलेक्टर को 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में तीन प्रमुख मांगें उठाई गईं निर्माण कार्यों की दोषमुक्ति अवधि (DLP) सड़क और भवन कार्यों के लिए 3 साल तथा विद्युत कार्यों के लिए 2 साल की जाए, निविदाएं बिना जीएसटी के आमंत्रित हों और जीएसटी का भुगतान अलग से किया जाए, साथ ही वित्तीय स्वीकृति के मामलों में अगली से अगली अथॉरिटी के बजाय सीधे अगली अथॉरिटी को अधिकृत किया जाए।
ठेकेदारों का कहना है कि हाल ही में जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सीकर दौरे पर आए थे तब उन्हें ज्ञापन सौंपा गया था और उन्होंने एक कमेटी गठित करने का आश्वासन भी दिया था लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आया है।
धरने के दौरान हरलाल थालौड़, टोडरमल शेखावत, रामचंद्र गोरा, भंवर गिठाला, रामावतार शर्मा, इंद्रजीत पारीक, फूलचंद गढ़वाल, पूर्णसिंह छब्बरवाल, मोहनलाल ढाका, लक्ष्मण भामु सहित बड़ी संख्या में ठेकेदार मौजूद रहे।
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