सीकर: बाबा श्याम की नगरी खाटूश्यामजी को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की वर्षों पुरानी मांग अब हकीकत की ओर बढ़ रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने रींगस से खाटू तक नई रेललाइन परियोजना की शुरुआत कर दी है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद श्रद्धालुओं को सीधे ट्रेन से खाटूश्यामजी मंदिर तक पहुंचने में सुविधा मिलेगी।
लोकसभा में रेल मंत्री का ऐलान, 254 करोड़ की परियोजना
6 अगस्त को लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि रींगस से खाटूश्यामजी तक 17.49 किलोमीटर लंबी नई रेललाइन बनाई जा रही है जिस पर अनुमानित लागत करीब 254 करोड़ रुपये आंकी गई है। रेल बजट 2025-26 के लिए इस प्रोजेक्ट हेतु 43 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
खाटू को रेल से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक पहल
रेल मंत्रालय के अनुसार, यह लाइन पूरी तरह से लेवल-फ्री होगी यानी कहीं भी लेवल क्रॉसिंग नहीं बनाई जाएगी। इस ट्रैक पर कोई बड़ा पुल नहीं बनेगा, लेकिन 8 छोटे पुल (माइनर ब्रिज) और 21 अंडरपास शामिल होंगे। इससे रेल यात्रा सुगम और सुरक्षित होगी।
परियोजना की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब तक अनुमानित 99 हेक्टेयर की बजाय 115 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। खाटू, केरपुरा, तपीपल्या, आभावास, कोटड़ी धायलान, देवीपुरा और रींगस नगरपालिका क्षेत्र के किसानों की जमीन इस परियोजना के तहत अधिग्रहित की जाएगी।
कला-संस्कृति से सजा होगा खाटू रेलवे स्टेशन
अधिग्रहण कार्य के बाद टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ होगी, जिसके लिए प्रशासन अंतिम सर्वेक्षण करवा रहा है। खाटूश्यामजी रेलवे स्टेशन का निर्माण केरपुरा-लामियां रोड के पास, चारण मैदान से 100 मीटर आगे प्रस्तावित है। यह स्टेशन मंदिर से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर होगा, जिससे श्रद्धालु आसानी से पैदल भी मंदिर तक पहुंच सकेंगे।
स्टेशन का डिजाइन पूरी तरह से खाटूश्याम मंदिर की थीम पर आधारित होगा। स्टेशन परिसर में बड़े बरामदे, पारंपरिक शेखावाटी शैली की पेंटिंग्स, अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं, पार्किंग स्पेस, हरा-भरा पार्क और फव्वारा भी शामिल किया जाएगा।
इस लाइन पर फिलहाल रींगस और खाटूश्यामजी के बीच कोई अन्य स्टेशन प्रस्तावित नहीं है। रींगस स्टेशन पहले से ही राजस्थान के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में गिना जाता है जहां 70 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है। यहां से दिल्ली, उदयपुर, जयपुर, बीकानेर, रामेश्वरम, चंडीगढ़, हैदराबाद, कोटा जैसे बड़े शहरों के लिए नियमित ट्रेनें संचालित होती हैं।
त्योहारों-मेले में लाखों श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ
प्रस्तावित रेललाइन पर ट्रेनें 15 से 25 मिनट में रींगस से खाटूश्यामजी तक का सफर तय करेंगी, जिससे खासकर त्योहारों और मेलों में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी। खासतौर पर फाल्गुन मेले और देवउठनी एकादशी जैसे आयोजनों के समय यहां भीड़ लाखों में पहुंचती है।
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