जोधपुर: रक्षाबंधन का पर्व पूरे देश में 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस अवसर पर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और समाज में इसके महत्व को लेकर जोधपुर के बिजोलाई स्थित परमहंस किशनगिरीजी महाराज आश्रम के गादिपति महामंडलेश्वर सोमेश्वर गिरि महाराज ने विशेष बातचीत की।
भाई नहीं है तो हनुमानजी को बांधें राखी”
महामंडलेश्वर सोमेश्वर गिरि महाराज ने कहा कि रक्षाबंधन केवल भाई-बहन का नहीं, बल्कि रिश्तों और विश्वास का त्योहार है। उन्होंने कहा कि हर बहन के मन में एक इच्छा होती है कि वह अपने भाई को राखी बांधे, लेकिन आज कई बहनों के पास भाई नहीं हैं।
ऐसे में वे हनुमानजी को राखी बांध सकती हैं क्योंकि हनुमानजी से अच्छा कोई रक्षक और भाई नहीं हो सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि बहन के पास भाई नहीं है तो वे आपस में एक-दूसरे को राखी बांध सकती हैं। पर्व का उद्देश्य सुरक्षा और स्नेह का आदान-प्रदान है और इसे किसी एक रिश्ते तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए।
रिश्तों में पारदर्शिता और गुरू में आस्था ही जीवन की दिशा
महामंडलेश्वर ने आजकल के पारिवारिक रिश्तों में बढ़ती गोपनीयता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज पति-पत्नी और भाई-बहन के बीच भी बातें छुपाई जाने लगी हैं जो गलत है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो बात छिपाने योग्य नहीं है उसे छिपाना रिश्तों में दरार लाता है।
उन्होंने रक्षाबंधन पर बनने वाली नुक्ती का प्रतीकात्मक उल्लेख करते हुए कहा कि नुक्ती बनाने की परंपरा यह दर्शाती है कि हमारे भीतर कोई ‘नुक्स’ नहीं होना चाहिए। संबंधों में कटुता या संदेह नहीं, बल्कि मिठास और पारदर्शिता होनी चाहिए।
गुरू-शिष्य संबंध पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि गुरू का स्थान परमात्मा से भी ऊपर होता है। व्यक्ति में त्रुटि हो सकती है लेकिन गुरू के प्रति कभी भी कपट नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “गुरू संग कपट, मित्र संग चोरी ये दोनों ही अधर्म के मार्ग हैं।”
बीकानेर: पत्नी ने चाकू चलाया; पति की गई जान, देवर भी घायल
जयपुर में मिर्च पाउडर से हमला कर लूटपाट, बुजुर्ग महिला बनी शिकार
जयपुर: पूर्व सैनिकों से तिरंगा फहरवाने की पहल, राठौड़ ने सीएम को लिखा पत्र